Vinesh Phogat Failed Weight Loss Attempts : विनेश फोगाट, भारत की प्रमुख महिला पहलवान, ने अपने करियर में कई कठिनाइयों का सामना किया है। वजन कम करने के लिए उन्होंने बाल कटवाए, खून निकलवाया, जॉगिंग और साइकिलिंग की, लेकिन उनकी सारी कोशिशें असफल रहीं। रियो ओलंपिक 2016 में गंभीर चोट के बावजूद उन्होंने 2018 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता। उनकी संघर्ष और दृढ़ संकल्प की कहानी प्रेरणादायक है।

‘विनेश फोगाट’ का प्रारंभिक जीवन और प्रशिक्षण :
‘विनेश फोगाट’ का जन्म 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के बलाली गांव में हुआ था। वह एक पहलवान परिवार से आती हैं। उनके पिता, जो खुद एक पहलवान थे, ने अपने जीवन का अधिकांश समय अपने बच्चों को पहलवानी के लिए प्रेरित करने में बिताया। उनके चाचा महावीर सिंह फोगाट, जो एक प्रसिद्ध पहलवान और कोच हैं, ने विनेश और उनकी बहनों गीता और बबीता को प्रशिक्षित किया। महावीर फोगाट के कड़े प्रशिक्षण और अनुशासन ने विनेश को मजबूत और आत्मविश्वासी बना दिया।
‘विनेश फोगाट’ की शुरुआती संघर्ष और सफलताएं :
विनेश ने अपने करियर की शुरुआत स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिताओं में भाग लेकर की। धीरे-धीरे, उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने कई पदक जीते।
एशियाई खेल 2014:
‘विनेश फोगाट’ ने 2014 के एशियाई खेलों में 48 किलोग्राम वजन वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। यह उनकी पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय जीत थी और इस जीत ने उन्हें विश्व स्तर पर पहचान दिलाई।
कॉमनवेल्थ गेम्स 2014:
विनेश ने 48 किलोग्राम वजन वर्ग में एक और स्वर्ण पदक जीता। यह उनकी दूसरी बड़ी अंतरराष्ट्रीय जीत थी और इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा।
चोट और संघर्ष :
विनेश का करियर पूरी तरह से सफलता की कहानी नहीं रहा है। उन्होंने कई गंभीर चोटों का सामना किया, जिसने उनके करियर को प्रभावित किया।
रियो ओलंपिक 2016:
विनेश ने रियो ओलंपिक में शानदार शुरुआत की थी। उन्होंने शुरुआती मुकाबले जीते, लेकिन क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान उन्हें गंभीर चोट लगी। इस चोट ने उन्हें मुकाबले से बाहर कर दिया और उन्हें लंबे समय तक रिहैबिलिटेशन में रहना पड़ा। इस दुर्घटना ने विनेश के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
बाल कटवाना और खून निकलवाना:
अपनी चोटों से उबरने के दौरान, विनेश ने अपने वजन को नियंत्रित रखने के लिए अपने बाल कटवाए और खून निकलवाया। उन्होंने जॉगिंग और साइकिलिंग का सहारा लिया, लेकिन फिर भी उन्हें कई बार असफलता का सामना करना पड़ा।
‘विनेश फोगाट’ की वापसी और नई ऊँचाइयाँ :

विनेश ने हार नहीं मानी और पूरी मेहनत और धैर्य के साथ अपनी वापसी की तैयारी की।
एशियाई खेल 2018:
चार साल बाद, विनेश ने 50 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। यह जीत उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण थी और उन्होंने साबित किया कि वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2019:
इस प्रतियोगिता में उन्होंने कांस्य पदक जीता और टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया। यह उनकी वापसी का एक और महत्वपूर्ण मोड़ था।
Vinesh Phogat Failed Weight Loss Attempts :
टोक्यो ओलंपिक 2020
‘विनेश फोगाट’ ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में भाग लिया, लेकिन वह पदक जीतने में असफल रहीं। हालांकि, उनकी मेहनत और संघर्ष ने उन्हें हमेशा से प्रेरित किया है और वह भारतीय कुश्ती के इतिहास में अपनी जगह बनाए रखने में सफल रही हैं।
प्रशिक्षण और फिटनेस :
विनेश के लिए फिटनेस हमेशा प्राथमिकता रही है। उन्होंने अपनी चोटों से उबरने के लिए कई कठिनाईयों का सामना किया।
जॉगिंग और साइकिलिंग:
चोट के बाद, विनेश ने अपने वजन को नियंत्रित रखने के लिए जॉगिंग और साइकिलिंग का सहारा लिया। यह उनके लिए कठिन था, लेकिन उन्होंने अपनी दृढ़ संकल्प और मेहनत से यह साबित किया कि वह किसी भी चुनौती को पार कर सकती हैं।
खून निकलवाना:
अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए उन्होंने खून निकलवाने का भी सहारा लिया। यह एक कठिन और दर्दनाक प्रक्रिया थी, लेकिन विनेश ने इसे अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण के रूप में देखा।
प्रेरणा और योगदान :
‘विनेश फोगाट’ की कहानी उनके संघर्ष, धैर्य और आत्मविश्वास की है। उनके जीवन में आई सभी चुनौतियों ने उन्हें और भी मजबूत बनाया है। चाहे वह चोट हो, वजन कम करने की कोशिशें हों या किसी भी अन्य बाधा, विनेश ने हमेशा अपने सपनों के प्रति समर्पण बनाए रखा है।
उनकी यात्रा हमें सिखाती है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, अगर आप में मेहनत और दृढ़ संकल्प है, तो आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। विनेश फोगाट की मेहनत, समर्पण और संघर्ष की कहानी एक प्रेरणा है सभी युवाओं के लिए जो अपने सपनों को साकार करने का जुनून रखते हैं। उनका करियर और जीवन हमें यह सिखाते हैं कि कभी भी हार न मानें और हमेशा अपने सपनों के प्रति समर्पित रहें।
विनेश फोगाट के प्रमुख मुकाबले (Vinesh Phogat’s main matches) :

Vinesh Phogat Failed Weight Loss Attempts :
2013 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप:
विनेश ने 51 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता।
2014 राष्ट्रमंडल खेल:
विनेश ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, जो उनकी पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय जीत थी।
2014 एशियाई खेल:
विनेश ने 48 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, जिससे उन्हें और अधिक प्रसिद्धि मिली।
2016 रियो ओलंपिक:
विनेश ने क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की, लेकिन चोट के कारण उन्हें प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा।
2018 एशियाई खेल:
विनेश ने 50 किलोग्राम भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता, जो उनकी वापसी का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
2019 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप:
विनेश ने कांस्य पदक जीता और टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया।
2020 टोक्यो ओलंपिक:
विनेश ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई, लेकिन पदक जीतने में असफल रहीं।
‘विनेश फोगाट’ की यात्रा हमें सिखाती है कि चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, अगर आप में मेहनत और दृढ़ संकल्प है, तो आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उनकी कहानी एक प्रेरणा है सभी युवाओं के लिए जो अपने सपनों को साकार करने का जुनून रखते हैं।
विनेश फोगाट अयोग्य घोषित: पेरिस ओलंपिक्स में कोई भी मेडल नहीं मिलेगा! Paris Olympics 2024: Vinesh Phogat Disqualified, Medal Hopes Dashed