Who is Qamar Sheikh, PM Modi’s Pakistani Sister, Tying Rakhi for 30 Years ? रक्षाबंधन का त्योहार भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के रिश्ते की अनमोल डोर को और भी मजबूत करता है। यह दिन भाई-बहन के बीच प्यार, विश्वास और संरक्षण के भाव को प्रकट करने का अवसर होता है। लेकिन जब यह त्योहार भारत के प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी’ और पाकिस्तान में जन्मीं ‘कमर शेख’ के बीच मनाया जाता है, तो यह न सिर्फ एक अनूठी परंपरा बन जाती है, बल्कि यह प्रेम और समर्पण की एक अद्वितीय मिसाल भी पेश करती है।
कमर शेख की जीवन यात्रा : Life journey of Qamar Shaikh :
‘कमर शेख’ का जन्म पाकिस्तान के कराची शहर में हुआ था, लेकिन उनका दिल हमेशा से भारत के लिए धड़कता रहा। उनके परिवार की जड़ें भारतीय संस्कृति और परंपराओं से गहराई से जुड़ी हुई थीं। कमर का परिवार विभाजन के दौरान भारत से पाकिस्तान गया था, लेकिन उनकी आत्मा हमेशा भारतीय सभ्यता से जुड़ी रही। कराची में पली-बढ़ी कमर शेख का दिल हमेशा भारत की ओर आकर्षित रहता था। वह भारतीय रीति-रिवाजों और त्योहारों के प्रति अपने प्यार को कभी छिपा नहीं पाईं।
Who is Qamar Sheikh, PM Modi’s Pakistani Sister, Tying Rakhi for 30 Years?
मोदी के साथ भाई-बहन का रिश्ता : Brother-Sister relationship with Modi :
‘कमर शेख’ की जिंदगी में एक बड़ा मोड़ तब आया जब उन्होंने नरेंद्र मोदी को अपना भाई माना। साल 1994 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात में ‘भारतीय जनता पार्टी’ के नेता के रूप में काम कर रहे थे, तब ‘कमर शेख’ ने उन्हें पहली बार राखी बांधी थी। यह केवल एक साधारण राखी का बंधन नहीं था, बल्कि यह एक बहन के दिल से निकली भावना थी, जो अपने भाई के लिए अनंत प्रेम और सम्मान के रूप में प्रकट हुई।
कमर शेख और नरेंद्र मोदी के बीच 30 साल की परंपरा : 30 years of tradition between Qamar Sheikh and Narendra Modi :
‘कमर शेख’ और नरेंद्र मोदी के बीच इस अनूठे रिश्ते को 30 साल हो चुके हैं। हर साल, बिना किसी विघ्न के, कमर शेख अपने हाथों से बनी राखी नरेंद्र मोदी की कलाई पर बांधने के लिए अहमदाबाद से दिल्ली आती हैं। यह सिर्फ राखी का त्योहार नहीं होता, बल्कि दोनों के बीच का स्नेह और सम्मान का प्रतीक होता है।
इस वर्ष, 2024 में, कमर शेख ने इस खास मौके के लिए 8-10 राखियां बनाई हैं। लेकिन उनमें से सबसे खास राखी उन्होंने वेलवेट पर बनाई है, जिसमें उन्होंने पर्ल, मोती, जरदोसी, और टिक्की का इस्तेमाल किया है। यह राखी सिर्फ सजावट का साधन नहीं, बल्कि उनकी भावनाओं, उनके स्नेह और उनके प्यार का प्रतीक है। कमर शेख कहती हैं कि वह राखी बाजार से नहीं खरीदतीं उनके लिए यह एक व्यक्तिगत और आत्मीय प्रक्रिया है जिसमें वह अपने हाथों से अपने भाई के लिए राखी तैयार करती हैं।
मोदी के प्रति कमर शेख का समर्पण : Qamar Shaikh’s dedication towards Modi:
‘कमर शेख’ का नरेंद्र मोदी के प्रति समर्पण न केवल उनके भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि यह उनकी भारतीयता के प्रति अटूट निष्ठा का भी प्रमाण है। उनका मानना है कि नरेंद्र मोदी जैसे नेता के रूप में उन्हें एक सच्चे भाई का साथ मिला है, जिसने हमेशा देश और अपने परिवार को प्राथमिकता दी है।
‘कमर शेख’ बताती हैं कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनके प्रति उनकी भावनाओं में कोई कमी नहीं आई। बल्कि, उनके मन में यह गर्व और भी बढ़ गया कि उनके भाई ने देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया है।
कमर शेख की हर साल की यात्रा : Qamar Shaikh’s journey every Year :
कमर शेख की यात्रा हर साल की तरह इस साल भी खास है। 18 अगस्त को वह अहमदाबाद से दिल्ली की यात्रा करेंगी, ताकि वह नरेंद्र मोदी को राखी बांध सकें। उनके लिए यह सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि एक पवित्र तीर्थयात्रा की तरह होती है। हर साल वह यह सुनिश्चित करती हैं कि वह राखी के मौके पर दिल्ली में हों, चाहे उनकी निजी जिंदगी में कितनी ही कठिनाइयां क्यों न हों।
कमर शेख और नरेंद्र मोदी के बीच भाई-बहन का विशेष बंधन : Special Brother-Sister bond between Qamar Sheikh and Narendra Modi :
‘कमर शेख’ और नरेंद्र मोदी के बीच का यह रिश्ता केवल एक भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक मिसाल है कि कैसे दो देशों के बीच की सीमाएं, सामाजिक और धार्मिक विभाजन भी दिलों के बंधनों को नहीं तोड़ सकतीं। यह रिश्ता हमें यह सिखाता है कि सच्चे प्रेम और समर्पण के लिए कोई सीमा नहीं होती।
निष्कर्ष :
‘कमर शेख’ की यह कहानी न सिर्फ नरेंद्र मोदी के साथ उनके व्यक्तिगत रिश्ते की गाथा है, बल्कि यह उस प्रेम, स्नेह और समर्पण की कहानी है जो हमारे समाज में आज भी जीवित है। यह हमें यह सिखाती है कि कैसे त्योहारों के माध्यम से हम अपने रिश्तों को और भी मजबूत बना सकते हैं, और यह भी कि प्रेम और समर्पण के लिए कोई सीमा नहीं होती।
‘कमर शेख’ और ‘नरेंद्र मोदी’ के बीच का यह अनूठा रिश्ता भारतीय संस्कृति के उस मूल तत्व को उजागर करता है, जो हमें अपने रिश्तों की कद्र करना सिखाता है। यह हमें यह भी बताता है कि चाहे हम कहीं भी हों, हमारी भावनाएं और हमारे रिश्ते हमेशा हमें एक-दूसरे से जोड़ते रहेंगे।