Bihar Flood Crisis 2024 : बिहार में बाढ़ की स्थिति हर दिन विकराल होती जा रही है। नेपाल में हो रही भारी बारिश और बिहार की नदियों में लगातार बढ़ते जलस्तर से राज्य के कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इन जिलों में पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई तटबंध टूट गए हैं, जिसके कारण गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है और घरों में तबाही मच गई है। दरभंगा, गोपालगंज, अररिया, और सीतामढ़ी जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई इलाकों में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है, और लोगों की जिंदगी मुश्किलों से घिर गई है।
बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों का हाल
बाढ़ के कारण बिहार के कई जिलों में हालात गंभीर बने हुए हैं। आइए जानते हैं प्रमुख जिलों का बाढ़ से क्या हाल है और वहां की क्या स्थिति है:
अररिया: 7 लोगों की मौत, घरों में पानी भरा
अररिया जिले में बाढ़ के कारण सबसे ज्यादा तबाही मची हुई है। नेपाल से आ रहे पानी ने यहां के निचले इलाकों को जलमग्न कर दिया है। बैराज से छोड़े गए पानी ने गांवों को पूरी तरह डुबा दिया है। खासकर मदनपुर, जोकीहाट, और भरगामा प्रखंडों में हालात ज्यादा खराब हैं। यहां बाढ़ के पानी में डूबने से कुल सात लोगों की मौत हो गई है, जिनमें दो बच्चियां भी शामिल हैं। स्थानीय लोगों के लिए प्रशासन की ओर से राहत कार्य जारी है, लेकिन कुछ इलाकों में स्थिति इतनी खराब है कि राहत पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। लोगों के घरों में पानी घुसने से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
सीतामढ़ी: दो बच्चों की डूबने से मौत
सीतामढ़ी जिले में भी बाढ़ की वजह से हालत बेकाबू हो गए हैं। हरे-भरे खेतों में लगे धान के पौधे पानी में डूब गए हैं, जिससे किसानों की मेहनत बर्बाद हो रही है। यहां के आधा दर्जन प्रखंडों के कई गांव पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं। एनडीआरएफ की टीम ने अब तक करीब 9000 लोगों को बाढ़ प्रभावित गांवों से रेस्क्यू किया है। लेकिन, बाढ़ में डूबने से दो बच्चों की दुखद मौत हो गई है। स्थानीय प्रशासन लोगों को सूखा राशन और फूड पैकेट बांट रहा है। डीएम ने सामुदायिक किचन चलाने का भी आदेश दिया है, ताकि बाढ़ पीड़ितों को भोजन की कमी का सामना न करना पड़े।
मुजफ्फरपुर: बागमती नदी का कहर
मुजफ्फरपुर जिले में बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने से औराई और कटरा प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। कटरा इलाके में बाढ़ का पानी घरों, बैंक, बिजली दफ्तर और स्कूलों तक पहुंच चुका है। यहां के 14 पंचायतों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है। बाढ़ से करीब 500 घर प्रभावित हुए हैं और 100 से अधिक घरों में पानी घुस चुका है। बकुची पीपा पुल और गंगेया पीपा पुल पर भी सुरक्षा को लेकर आवागमन रोक दिया गया है। कई ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं।
दरभंगा: तीन लोग लापता, फसलें बर्बाद
दरभंगा जिले में भी बाढ़ का कहर जारी है। कोसी नदी के तटबंध टूटने के बाद भूभौल गांव में पति-पत्नी समेत तीन लोग लापता हो गए हैं। गांव वालों को उम्मीद थी कि वे सुरक्षित होंगे, लेकिन लगातार खोजबीन के बाद भी उनका पता नहीं चल सका है। जिले के तीन प्रखंडों में बाढ़ से 50 से अधिक गांव प्रभावित हैं और करीब 2 लाख लोग इस आपदा का सामना कर रहे हैं। बाढ़ से 7000 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो चुकी है। किसानों के लिए यह एक बड़ा झटका है। जिला प्रशासन ने प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की योजना बनाई है, लेकिन इसका आकलन पानी निकलने के बाद किया जाएगा।
गोपालगंज: गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूटा
गोपालगंज जिले में गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर ने भारी तबाही मचाई है। यहां सदर और मांझागढ़ प्रखंड के आधे दर्जन से ज्यादा पंचायतों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासन की तरफ से नावों की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे लोग निजी तौर पर नाव चलाकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। कई पंचायतों में पानी का बहाव इतना तेज है कि लोगों को अपने मवेशियों और सामानों के साथ पलायन करना पड़ रहा है। गन्ने की फसल पूरी तरह से पानी में डूब चुकी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
बेगूसराय: गंगा नदी के कहर से मकान गिरे
बेगूसराय जिले में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से आठ मकान गंगा नदी में समा गए हैं। मकानों के गिरने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग हैरान हैं। कई जगहों पर लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा राहत कार्य जारी है, लेकिन कई इलाकों में अभी भी लोगों को मदद की दरकार है।
राहत और बचाव कार्य
बिहार में बाढ़ की इस गंभीर स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। साथ ही, बाढ़ पीड़ितों को सूखा राशन और आवश्यक सामग्री वितरित की जा रही है। सरकार ने सामुदायिक किचन चलाने का आदेश दिया है, ताकि बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन की कमी न हो।
बाढ़ के कारण बिहार में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। बाढ़ से प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत और पुनर्वास की जरूरत है, ताकि वे इस आपदा से बाहर निकल सकें।
निष्कर्ष
बिहार में बाढ़ ने एक बार फिर से अपना विकराल रूप दिखा दिया है। नेपाल से आने वाली नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी ने कई जिलों में तबाही मचा दी है। सरकार को जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की जरूरत है, ताकि लोगों को इस प्राकृतिक आपदा से राहत मिल सके।