Sunita Williams’ Space Crisis: 96-Hour Oxygen Risk : अंतरिक्ष यात्रा विज्ञान की सबसे चुनौतीपूर्ण और रोमांचक उपलब्धियों में से एक है। इस क्षेत्र में भारतीय-अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है। हाल ही में सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर को बोइंग स्टारलाइनर के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजा गया था। हालांकि, तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी वापसी की योजना पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
सुनीता विलियम्स का जीवन यात्रा : Sunita Williams’ life journey
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सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के मेक्सिको, ओहायो में हुआ था। उनके पिता एक भारतीय प्रवासी थे और मां अमेरिकी थीं। सुनीता की शिक्षा और करियर ने उन्हें अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गृहनगर में पूरी की और बाद में वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) से अभियांत्रिकी में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत
सुनीता विलियम्स ने 1998 में नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर में चयनित होकर अपने अंतरिक्ष करियर की शुरुआत की। वे 2006 में पहली बार अंतरिक्ष में गईं, जब उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एक मिशन पर उड़ान भरी। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने लगभग 195 दिन अंतरिक्ष में बिताए और कई वैज्ञानिक प्रयोग किए।
अंतरिक्ष में संकट
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर के जरिए अंतरिक्ष में उड़ान भरी थी। उनकी यह यात्रा एक परीक्षण मिशन थी, जिसका उद्देश्य नए अंतरिक्ष यान की कार्यक्षमता की जांच करना था। हालांकि, इस यात्रा के दौरान तकनीकी समस्याओं ने उनकी वापसी को जटिल बना दिया है।
Sunita Williams’ Space Crisis: 96-Hour Oxygen Risk :
बड़े खतरे की आशंका
हाल ही में रिपोर्ट्स में सामने आया है कि यदि स्टारलाइनर की वापसी में गड़बड़ी होती है, तो सुनीता विलियम्स और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों की जान को गंभीर खतरा हो सकता है। अमेरिकी सैन्य अंतरिक्ष प्रणालियों के पूर्व कमांडर रूडी रिडोल्फी ने वायुमंडल में पुनः प्रवेश से जुड़े जोखिमों को उजागर किया है। उन्होंने बताया कि यदि थ्रस्टर में खराबी आ जाती है, तो स्टारलाइनर अंतरिक्ष में फंस सकता है, और अंतरिक्ष यात्रियों के पास केवल 96 घंटे का ऑक्सीजन रह जाएगा। इसके अलावा, पुनः प्रवेश के दौरान गलत संरेखण के कारण कैप्सूल वायुमंडल में उछल सकता है या जल सकता है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों की जान खतरे में पड़ सकती है।
नासा की तैयारी और योजना
नासा इस सप्ताह के अंत में एक महत्वपूर्ण बैठक करेगी, जिसमें यह तय किया जाएगा कि बोइंग का नया कैप्सूल अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सुनीता विलियम्स और अन्य दो अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए उपयुक्त है या नहीं। नासा प्रशासक बिल नेल्सन और अन्य शीर्ष अधिकारी शनिवार को इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और संभावित समाधान पर निर्णय लेंगे।
वैकल्पिक समाधान: स्पेसएक्स का सहयोग
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यदि नासा यह निर्णय लेती है कि स्टारलाइनर के माध्यम से वापसी सुरक्षित नहीं है, तो ‘स्पेसएक्स’ को अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए एक विकल्प के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, इसके लिए उन्हें अगले फरवरी तक अंतरिक्ष में रहना पड़ सकता है। यदि ऐसा होता है, तो स्टारलाइनर सितंबर में पृथ्वी पर खाली होकर लौटेगा।
जमीन पर चल रही टेस्टिंग
नासा ने पुष्टि की है कि इंजीनियर स्टारलाइनर थ्रस्टर के लिए एक नए कंप्यूटर मॉडल का आकलन कर रहे हैं। यह परीक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रूप से वापस ला सके। बोइंग ने हाल ही में कहा था कि उनके द्वारा किए गए परीक्षणों से यह पता चला है कि स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कर सकता है।
Sunita Williams’ Space Crisis: 96-Hour Oxygen Risk :
निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष यात्रा और वर्तमान संकट नासा और बोइंग की तकनीकी चुनौतियों को उजागर करते हैं। सुनीता का अंतरिक्ष में योगदान और उनकी बहादुरी ने उन्हें एक प्रेरणास्त्रोत बना दिया है। इस संकट के बावजूद, नासा और बोइंग उनके सुरक्षित लौटने के लिए सभी प्रयास कर रहे हैं। अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा प्राथमिकता है और सभी संभावित विकल्पों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। सुनीता विलियम्स के जीवन की यात्रा और उनके साहसिक प्रयास अंतरिक्ष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, और इस संकट से उबरने के लिए उनकी टीम हर संभव प्रयास कर रही है।