Unified Pension Scheme : देश के 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है। हाल ही में कैबिनेट ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को मंजूरी दे दी है, जिससे कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा मिलेगी। इस योजना का उद्देश्य कर्मचारियों के आर्थिक और सामाजिक कल्याण को सुनिश्चित करना है, जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आइए इस योजना के प्रमुख बिंदुओं पर नज़र डालते हैं।
1. यूपीएस का फॉर्मूला: 50% पेंशन की गारंटी
यूपीएस के तहत, जो कर्मचारी 25 वर्षों की सेवा पूरी करेंगे, उन्हें उनके अंतिम कार्य-वर्ष के 12 महीनों के औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में मिलेगी। यदि सेवा अवधि 10 से 25 वर्षों के बीच है, तो पेंशन की राशि अनुपातिक रूप से तय की जाएगी। यह सुनिश्चित किया गया है कि पेंशन की राशि महंगाई दर के साथ जुड़ेगी, जिससे पेंशनधारकों की क्रय शक्ति सुरक्षित रहेगी।
2. सभी कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
यूनिफाइड पेंशन स्कीम से लगभग 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। यह योजना मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन स्कीम (NPS) के साथ लागू होगी। सरकार का अनुमान है कि 99 प्रतिशत से अधिक केंद्रीय कर्मचारी, जो एनपीएस के तहत कार्यरत हैं, उन्हें यूपीएस आर्थिक रूप से अधिक लाभप्रद लगेगा।
Unified Pension Scheme :
3. केंद्र सरकार का योगदान बढ़ा
यूपीएस के तहत केंद्र सरकार ने अपने योगदान को मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत कर दिया है। इससे सरकार पर वर्ष 2025-26 में 6,250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा। यह योगदान कर्मचारियों के पेंशन फंड में किया जाएगा, जिससे उनकी पेंशन राशि बढ़ेगी।
4. एक अप्रैल, 2025 से लागू होगी योजना
यूनिफाइड पेंशन स्कीम 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी। इससे पहले ही योजना को कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह योजना सीधे तौर पर 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों के हित में होगी। चुनावी माहौल में इसे सरकार की तरफ से एक बड़ा राजनीतिक कदम माना जा रहा है।
5. राज्य सरकारों के लिए भी विकल्प
अगर राज्य सरकारें चाहें, तो वे भी अपने कर्मचारियों के लिए इस स्कीम को लागू कर सकती हैं। इससे राज्य के 90 लाख कर्मचारियों को भी लाभ मिल सकता है। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव की घोषणा हो चुकी है, और अन्य राज्यों में भी जल्द ही चुनाव होने की संभावना है। ऐसे में राजनीतिक दलों पर यह दबाव रहेगा कि वे अपने घोषणापत्र में इस योजना को शामिल करें।
6. कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन और अतिरिक्त लाभ
यूपीएस में कर्मचारियों को न केवल सुनिश्चित पेंशन मिलेगी, बल्कि सेवानिवृत्ति के समय ग्रेच्युटी के अलावा भी एक सुनिश्चित राशि का भुगतान होगा। सेवा के हर छह माह के लिए मूल वेतन का 10 प्रतिशत अतिरिक्त रूप से दिया जाएगा। इसके अलावा, सेवा काल में उत्पन्न कोई भी ब्याज और अतिरिक्त राशि का भुगतान केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा।
7. पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था
यूपीएस में पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था भी की गई है। यदि सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके आश्रितों (पति/पत्नी) को पेंशन राशि का 60 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा। इसके अलावा, पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये से कम नहीं होगी, जो महंगाई के साथ बढ़ेगी।
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8. यूपीएस बनाम एनपीएस : UPS vs NPS
यूपीएस और एनपीएस के बीच मुख्य अंतर यह है कि एनपीएस में पेंशन राशि का निर्धारण बाजार निवेश पर निर्भर करता है, जबकि यूपीएस में पेंशन की राशि सुनिश्चित है। इससे कर्मचारियों को भविष्य की आर्थिक अनिश्चितताओं से सुरक्षा मिलती है।
यूपीएस के माध्यम से केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए एक मजबूत और सुनिश्चित भविष्य की नींव रखी है। यह योजना उनके सेवानिवृत्त जीवन को अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक बनाएगी। सरकार का यह कदम एक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा सुधार के रूप में देखा जा रहा है, जो कर्मचारियों के कल्याण के प्रति सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
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