Beti Bachao, Beti Padhao Scheme Online Apply : “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य बालिकाओं की सुरक्षा, शिक्षा, और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इस योजना का शुभारंभ 22 जनवरी, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था। यह योजना मेवात को छोड़कर हरियाणा के सभी जिलों में लागू की गई है। योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के बाद, हरियाणा में लिंगानुपात पहली बार 900 के आंकड़े को पार कर गया, जो इस योजना की सफलता को दर्शाता है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य और लक्ष्य | Objective and Goal of Beti Bachao, Beti Padhao Scheme
1. लिंग पक्षपात को समाप्त करना:
योजना का प्रमुख उद्देश्य लिंग आधारित चयनात्मक उन्मूलन को रोकना है, जो भारतीय समाज में एक गंभीर समस्या बनी हुई है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने सामाजिक जागरूकता अभियान चलाकर लोगों के बीच बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की कोशिश की है।
2. बालिकाओं के अस्तित्व और संरक्षण को सुनिश्चित करना:
योजना के तहत, बालिकाओं के जीवन की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाए गए हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि बालिकाओं को उचित सुरक्षा मिले और उन्हें हर तरह की हिंसा से बचाया जाए।
3. बालिकाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण सुनिश्चित करना:
सरकार ने बालिकाओं के लिए शिक्षा और सशक्तिकरण के कार्यक्रमों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है। योजना के तहत बालिकाओं को शिक्षा के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं का भी प्रावधान किया गया है।
निगरानी योग्य लक्ष्य
योजना के तहत सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित किए हैं, जिनमें:
- पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में लिंग भेद को घटाना: 2014 के 8 अंकों से घटाकर 2017 तक 4 अंक करने का लक्ष्य रखा गया था।
- लड़कियों के पोषण संबंधी स्तर में सुधार: पांच वर्ष से कम आयु की कम वजन वाली और एनीमिया से ग्रस्त लड़कियों की संख्या में कमी लाकर उनके पोषण स्तर में सुधार करना।
- माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि: 2013-2014 के 76% से बढ़ाकर 2017 तक 79% करना।
- प्रत्येक स्कूल में शौचालय की उपलब्धता: 2017 तक हर स्कूल में लड़कियों के लिए शौचालय उपलब्ध कराना।
- यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण: पोक्सो अधिनियम 2012 के कार्यान्वयन के माध्यम से लड़कियों के लिए सुरक्षात्मक वातावरण को बढ़ावा देना।
Beti Bachao, Beti Padhao Scheme Online Apply
कार्यान्वयन रणनीति
1. सामुदायिक जागरूकता और सामाजिक रीति-रिवाजों में बदलाव:
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए सामुदायिक जागरूकता और सामाजिक रीति-रिवाजों में बदलाव को प्रमुखता दी गई है। बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए सामाजिक संगठनों, गैर-सरकारी संगठनों और समुदायों के सम्मिलित प्रयासों से योजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया।
2. कठोर कानूनी कार्रवाई:
अवैध एमटीपी/अल्ट्रासाउंड/नीम हकीम/लिंग चयन दवाओं पर नियंत्रण रखने के लिए सरकार ने कठोर कानूनी कार्रवाई की है। निरीक्षण और छापेमारी के माध्यम से इन गतिविधियों पर अंकुश लगाया गया है और खुफिया जानकारी तैयार की गई है।
पुरस्कार और प्रशंसा
इस योजना की सफलता के परिणामस्वरूप हरियाणा राज्य को नारी शक्ति पुरस्कार 2015 (कन्नगी देवी पुरस्कार) से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 2016 में बालिका दिवस पर जिला यमुनानगर को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। यह योजना देश में लिंगानुपात को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।
Beti Bachao, Beti Padhao Scheme Online Apply
प्रशासनिक कार्रवाई
1. हरियाणा कन्या कोष की स्थापना | Establishment of Haryana Kanya Kosh
बालिकाओं के कल्याण के लिए हरियाणा कन्या कोष की स्थापना की गई, जिसके माध्यम से बेटियों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई।
2. “आपकी बेटी हमारी बेटी” योजना | Aapki Beti Hamari Beti” Scheme
इस योजना के तहत अनुसूचित जाति और बीपीएल परिवारों में जन्मी पहली लड़की और किसी भी श्रेणी में जन्मी दूसरी लड़की के नाम पर 21,000 रुपये भारतीय जीवन बीमा निगम में निवेश किए जाते हैं। इस लाभ को अब तीसरी लड़की तक बढ़ा दिया गया है।
3. सुकन्या समृद्धि योजना | Sukanya Samriddhi Yojana
सुकन्या समृद्धि योजना पर विशेष ध्यान दिया गया और डाकघरों और बैंकों में 2.62 लाख खाते खोले गए। इस योजना के माध्यम से बेटियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने का प्रयास किया गया है।
विभागीय पहल
1. स्वास्थ्य जांच शिविर:
राज्य में लगभग 121,122 स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए गए, जिसमें बेटियों के स्वास्थ्य और पोषण का विशेष ध्यान रखा गया।
2. गुड्डा गुड्डी बोर्ड | Gudda Guddi Board
97.36% ग्राम पंचायतों में गुड्डा गुड्डी बोर्ड प्रदर्शित किए गए। इसके माध्यम से बेटियों के प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया गया।
3. शपथ ग्रहण समारोह:
कन्या भ्रूण हत्या को हतोत्साहित करने के लिए शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया, जिसमें राजनीतिक नेता, जिला प्रशासन, सामाजिक कार्यकर्ता, स्कूली बच्चे और समुदाय शामिल हुए।
सकारात्मक परिवर्तन लाना
1. जागरूकता रैलियां:
गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर लगभग 76,167 जागरूकता रैलियां आयोजित की गईं। यह रैलियां बेटियों के महत्व को समझाने और उन्हें समाज में समान अधिकार दिलाने के उद्देश्य से आयोजित की गईं।
2. सांझी प्रतियोगिताएं:
बालिकाओं के जन्म पर माता-पिता को सम्मानित करने के लिए सांझी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से बेटियों के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने का प्रयास किया गया।
Beti Bachao, Beti Padhao Scheme – Online Apply
निष्कर्ष
“बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” योजना भारत के भविष्य को सुरक्षित और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना के माध्यम से बालिकाओं को सुरक्षा, शिक्षा, और सशक्तिकरण प्रदान कर उनके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया है। सरकार की इस योजना ने न केवल लिंगानुपात में सुधार किया है, बल्कि समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी विकसित किया है। इस योजना की सफलता देश की बेटियों के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
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