Mirzapur Season 3 Review :
एक बार फिर शुरू हुआ सनकी बाहुबलियों का खेल , मिर्जापुर का दूसरा सीजन जनता को कई सवालों के अंधेरों में छोड़कर गया था अब जवाब आ गया है मिर्जापुर 3 के साथ । लेकिन इस जवाब में भी कई सवाल छुपे हैं सवाल यह है की क्या मिर्जापुर 3 जनता को पसंद आएगी ? या फिर यह आउट ऑफ सिलेबस साबित होगा।
मजबूरी में शुरू हुई गुड्डू पंडित की गैंगस्टर बाजी क्या आप मिर्जापुर की गाड़ी का मिजाज संभाल पाएगी या नहीं ? गुड्डू के प्लान को मैनेज कर रही गोलू का खेल क्या पूरा हो पाएगा या नहीं ? जौनपुर के जूनियर शुक्ला उर्फ शरद क्या अपने पापा का सपना पूरा कर पाएंगे या नहीं अर्थात पूर्वांचल पर अपनी पकड़ जमा पाएंगे या नहीं ?
अपने प्रेम के चक्कर में भाई की भेंट चढ़ा चुके छोटे त्यागी का अगला टारगेट क्या होगा ? मौत के मुंह से वापस आ रहे कालीन भैया के लिए अब मिर्जापुर कैसा रहेगा कांटो भरा या रेट कारपेट की तरह ? और अब सबसे टॉप की प्रायोरिटी की बात करें तो सबके लोकप्रिय मुन्ना भैया मृत्यु के मुंह से लौट कर आएंगे या उनका किरदार अब देखने को नहीं मिलेगा ?
मिर्जापुर सीजन 3 की प्राइम वीडियो हुई रिलीज :
मिर्जापुर 3 की प्राइम वीडियो 5 जुलाई मतलब कि आज रिलीज हो गई है इस प्राइम वीडियो के अनुसार इस बार मुन्ना भैया की कमी खलने वाली है लेकिन गुड्डू भैया एक बार फिर अपने दमदार एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत लेंगे
Mirzapur Season 3 Review :- मिर्जापुर के कुछ फेमस डायलॉग तो आपको याद ही होंगे जैसे “जब तक इंसान मजबूर नहीं होता , तब तक इंसान मजबूत नहीं होता ” …..
और गुड्डू भैया का यह डायलॉग तो कोई भूल ही नहीं सकता – ” शुरू मजबूरी में किए थे लेकिन अब मजा आ रहा है ” जैसे मिर्ज़ापुर शुरू भौकाल के साथ हुआ था लेकिन अब मजा आ रहा है ।
मिर्जापुर के फैंस की माने तो भोपाल भले ही कायम है लेकिन इस बार मामला पहले दो सीजन के मुकाबले कुछ टीका लग रहा है लेकिन तब भी मिर्जापुर के फैन हैं तो देखना तो बनता है लिए एक नजर में देखते हैं मिर्जापुर सीजन 3 में क्या अच्छा है और क्या अच्छा नहीं है …..
कहानी :-
इस सीजन में हमारे चाहते मुन्ना भैया इस दुनिया से जा चुके हैं और उनके पिता कालीन भैया कोमा में है और गुड्डू भैया की बात करें तो वह मिर्जापुर की गाड़ी पर बैठ चुके हैं लेकिन पूर्वांचल का बाहुबली आखिर होगा कौन इस बात का लड़ाई अभी भी जारी है शरद शुक्ला को भी पूर्वांचल की गाड़ी चाहिए और शत्रुघ्न को भी पूर्वांचल की गति चाहिए एक अलग ही खेल चल रहा है और गुड्डू पंडित पर एसपी की मौत का कैसे चल रहा है वही डिंपी और रॉबिन की लव स्टोरी इस सीजन में आगे बढ़ती है लेकिन मिर्जापुर की गाड़ी पर बैठे का कौन और कालीन भैया का क्या होगा यह सब जानने के लिए आपको मिर्जापुर सीजन 3 देखना पड़ेगा।
कैसी है मिर्जापुर सीजन 3 :Mirzapur Season 3 Review
मिर्जापुर सीरीज का एक अलग ही भोला है इसके एक अलग ही फैन बेस हैं मिर्जापुर सीरीज को देखने के लिए लोग खास तौर पर छुट्टी लेते हैं लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि इस बार भोपाल पहले दो सीजन के मुकाबले कुछ काम है इस बार की सीरीज थोड़ी सी खींची हुई लगती है और पहले की तरह भौकाल वाले सीन कुछ काम है और वायलेंस भी कुछ काम दिख रहे हैं एवं मुन्ना भैया की कमी तो लोगों को खाली ही रही है साथ ही कालीन भैया भी ज्यादा भौकाल मचाते नहीं दिखे एक सीन है जो मजेदार है लेकिन ऐसे सीन काम है और एक दो ही ऐसे सीन है जो आपको दिला डालते हैं।
मिर्जापुर से लोगों की उम्मीदें काफी जुड़ी होती हैं इसलिए आपको बता दें कि मिर्जापुर सीजन 3 अच्छी है लेकिन बहुत ज्यादा अच्छी तो नहीं और हां खराब तो बिल्कुल नहीं है मिर्जापुर के फैंस को अच्छी तो लगेगी लेकिन शायद उन्हें भोपाल में कहीं कुछ कमी महसूस हो और ऐसा कहना है लोगों का की कई सीक्वेंस जरूरत से ज्यादा खींच दिए गए हैं इस सीजन में गुड्डू भैया के कंधों पर ही पूरी जिम्मेदारी है इसलिए ऐसा कहा जा रहा है कि जब-जब वह आते हैं तब तक मजा आ जाता है लेकिन 10 एपिसोड को गुड्डू भैया अकेले कब तक खींचेंगे।
मिर्जापुर सीजन 3 एक्टिंग :
मिर्जापुर सीजन 3 की एक्टिंग की बात करें तो इसमें अली फजल ने गुड्डू भैया के किरदार में जान डाली है वह इस सीजन में जिस तरह से लोगों को मारते हैं वह दृश्य हिल डालने वाला है इस बार उन्होंने अपना एक अलग इमोशन भी दिखाया है और हम ऐसा कह सकते हैं कि यह सीजन अली फजल के कंधों पर टिका है और उन्होंने पूरी तरह से इंसाफ किया है इस सीजन में पंकज त्रिपाठी का रोल और भौकाल दोनों काम देखने को मिला । इस सीजन में रसिका दुग्गल यानी बिना भाभी का काम शानदार है वह पल-पल रंग बदलता दिख रही है इस सीजन में बिना भाभी जबर्दस्त अंदाज में नजर आ रहे हैं।
इस सीजन में अंजुम का काम भी अच्छा है और उनका रोल भी बड़ा और काफी अहम है विजय वर्मा भी अपनी जगह पर ठीक है क्योंकि लोग पिछले 3 सालों में विजय वर्मा जी इतना आगे बढ़ चुके हैं कि लोगों को उनसे उम्मीदें अब बहुत ज्यादा रहती है लेकिन यहां उनका किरदार शायद उतनी मजबूती से नहीं लिखा गया लेकिन काम उन्होंने अच्छा किया वही बात करें अगर श्वेता त्रिपाठी शर्मा यानी गोलू की तो गोलू ने शानदार काम किया है गोलू ने इस सीजन में गुड्डू भैया का जबरदस्त तरीके से साथ दिया है और खूब भौकाल मचाया है।
इस सीजन में मुख्यमंत्री का किरदार में इशा तलवार खूब जमी है और दादा के रोल में लिलिपुट ने बहुत अच्छा काम किया है जबकि राजेश तैलम की बात करें तो इस बार उन्हें काफी स्पेस दिया गया है और उन्होंने अपने काम के साथ पूरी लगन दिखाई है।
डायरेक्शन :
मिर्जापुर सीजन 3 को गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर ने डायरेक्ट किया है उनका डायरेक्शन ठीक है लेकिन लोगों को उनसे बेहतर की उम्मीद थी मिर्जापुर जैसी सीरीज में भोपाल और बढ़ाना चाहिए था लेकिन अगर इस सीजन में कहीं ना कहीं भोपाल कम दिखा तो उसकी वजह कहीं ना कहीं डायरेक्टर हैं उन्हें कुछ और ऐसे दिलचस्प और शौक भरे सेन डालने चाहिए जिससे दशा के बंदे रहे लेकिन अगर आपको ओवरऑल बताएं तो बहुत शानदार नहीं लेकिन मिर्जापुर सीज़न 3 अच्छी है ।