Ram Mandir Ayodhya :-सनातन संस्कृति की मान्यता है कि श्री राम जी का जन्म भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के जिला अयोध्या में हुआ था और उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर विराजमान था श्री राम मंदिर को मुगल आक्रमणकारी बाबर ने तोड़कर उसी जगह पर अपने नाम से बाबरी मस्जिद का ढांचा बना दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद् की अगुवाई में इस स्थान को मुक्त कराने के लिए और वहाँ पुनः मन्दिर के निर्माण के लिये एक लम्बा आन्दोलन चलाया जिसमें संघ की राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने भी काफी समर्थन दिया शुरू से ही भारतीय जनता पार्टी ने अपने राजनीतिक भाषणों में एवं चुनावी घोषणा पत्र में श्री राम मंदिर बनाने को प्राथमिकता दिया।
बाबरी मस्जिद
1527 में जब मुस्लिम आक्रमणकारी बाबर भारत की पावन धरती पर आया तो उसने सिकरी में चित्तौड़गढ़ के हिंदू राजा राणा संग्राम सिंह को छल कपट का इस्तेमाल करके हराया। इस जीत के बाद, बाबर ने उनके राज्य पर कब्जा कर लिया, उसने अपने सेनापति मीर बाकी को वहां का सूबेदार बनाया।
बाबर के आदेश पर मीर बाकी ने अयोध्या में आक्रमण के समय तोड़े जा चुके श्री राम मंदिर के स्थान पर बाबरी मस्जिद का निर्माण कर इसका नाम सम्राट बाबर के नाम पर रख दिया और बाबर के आदेश पर उसकी सेना ने “चंदेरी में बहुत सारे हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर दिया
श्री राम मंदिर निर्माण के लिए अभियान
वर्ष 1989- संघ और विश्व हिन्दू परिषद् ने सहयोगी दल के साथ विवादित स्थल के पास राम मंदिर की नींव रखी, और मंदिर निर्माण के लिए अभियान तेज किया। वर्ष 1990- इन्ही कार्यकर्ताओं ने विवादित ढांचे को विध्वंस किया। इसके बाद तत्कालीन पीएम चंद्रशेखर ने बातचीत से विवाद सुलझाने का प्रयास किया, लेकिन सरकार असमर्थ रही।
1992 में ध्वस्त ढांचे के मलबे से निकले एक मोटे पत्थर के खंड के अभिलेख से उस स्थल पर एक पुराने हिंदू मंदिर के पैलियोग्राफिक (लेखन के प्राचीनकालीन रूप के अध्ययन) प्रमाण प्राप्त हुए। विध्वंस के दिन 250 से अधिक अन्य कलाकृतियां और प्राचीन हिंदू मंदिर का हिस्सा होने के प्रमाण और भी बहुत सारे तथ्य भी निकाले गये।
‘निहत्थे कारसेवकों पर किसने चलवाई गोली ?
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अपने सहयोगी दलों के साथ अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराने के लिए कारसेवा शुरू कर दी . तैयारी पूरी हो चुकी थी. उस समय यूपी की कमान मुख्यमंत्री के तौर पर मुलायम सिंह यादव के पास थी. 90 के दशक में मुलायम सिंह ने बयान दिया था की – “बाबरी मस्जिद पर कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकता.” ये साल 1992 में हुए बाबरी विध्वंस के दो वर्ष पहले की बात थी.
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जब पहली बार मुख्यमंत्री बने थे तब उनको भारतीय जनता पार्टी का समर्थन मिला था.
जब 1990 में बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर बीजेपी ने समर्थन वापस ले लिया तो कांग्रेस पार्टी ने उनकी सरकार को कुछ समय तक समर्थन दिया था. विश्व हिन्दू परिषद् और संघ सहयोगी दलों ने मन में बाबरी ढांचे को गिराने का ख्वाब लिए निहत्थे आगे बढ़ रहे थे तभी मुलायम सिंह यादव को अपने मुस्लिम वोट बैंक जाने का डर सताने लगा और मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम सिंह यादव ने उन निहत्थे कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया जो बाबरी मस्जिद को गिराने के लिए आगे बढ़ रहे थे.
( Ram Mandir )
अयोध्या में भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण।
2019 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद सनातन धर्म के लोगो में खुशी का माहोल बन गया मानो की जैसे दीपावली का दिन हो
और श्री राम मंदिर निर्माण की चर्चा बढ़ गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद श्री राम मंदिर निर्माण की देखरेख के लिए श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया।
श्री राम मंदिर निर्माण के लिए सबसे बड़ा चैलेंज मंदिर के डिज़ाइन का था की मंदिर का आकार कैसा होगा तो राम मंदिर को डिजाइन करने का काम प्रसिद्ध वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा को इसकी जिम्मेदारी दी गई, जो मंदिर वास्तुकारों की वंशावली से थे। उनके पिता प्रभाशंकर सोमपुरा ने पहले सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण की देखरेख की थी
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श्री राम मंदिर की नीव कब रखी गई?
5 अगस्त 2020 को अयोध्या धाम में भगवान श्रीराम के मंदिर के निर्माण की नींव रखी गई थी। इस खास मौके पर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने राम मंदिर की आधारशिला रखी और भूमि पूजन और शिलान्यास किया इसके बाद ईंटों पर जय श्री राम लिखकर निर्माण कार्य शुरू किया गया।
( Ram Mandir Ayodhya Photo )
अयोध्या के भव्य श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त कब है?
22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड पर शुभ मुहूर्त सुरु होगा, यह 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड पर खतम होगा. यानी 84 सेकंड में ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. प्राण प्रतिष्ठा से पहले करीब 1 घंटे तक यज्ञ, हवन, चार वेदों का परायण और कर्मकांडों का वाचन भी होगा.
सनातन संस्कृति में प्राण प्रतिष्ठा एक तरह का धार्मिक अनिष्ठान है। हिंदु धर्म के लोग इसके जरिए किसी मंदिर या देवस्थान पे पहली बार भगवान की मूर्ति स्थापित करते हैं.
( Ram Mandir Ayodhya Photo )